Note - भारत में अनेक प्रकार की मिट्टियां पाई जाती है ।
1) जलोढ़ मिट्टी (Alluvial Soil) - यह मिट्टी नदी द्वारा बहाकर अपने साथ ले आती है । यह मिट्टी उपजाऊ होती है, जो धान और गन्ना के लिए बहुत उपयोगी होती है। या गंगा नदी गोदावरी कृष्णा कावेरी और महानदी के नदियों में मिलती है ।
2) काली मिट्टी (Black Or Regur Soil) - यह मिट्टी ज्वालामुखी फटने और टूटने से बनती है । जो कपास की खेती के लिए बहुत उपयोगी होती है । या महाराष्ट्र मध्य प्रदेश गुजरात आंध्र प्रदेश और कर्नाटक में पाई जाती है ।
3) लाल मिट्टी (Red Soil) - इस मिट्टी में लोहा का अंश बहुत ज्यादा होता है इसीलिए इसका रंग लाल होता है ।
4) लैटेराइट मिट्टी (Lateritic Soil) - यह मिट्टी लैटराइट जैसी पुरानी चट्टानों से टूटने से बनती है । यह मिट्टी चाय की खेती के लिए बहुत उपयोगी होती है । पूर्वी घाट पश्चिमी घाट और राजमहल और असम में पाई जाती है ।
5) मारूंगा स्थलीय या रेतीली मिट्टी (Desert Or Sandy Soil) - इस प्रकार की मिट्टी में जीवांन का अभाव होता है जहां वर्षा नहीं के बराबर होती है इस प्रकार की मिट्टी पाई जाती है ।
6) पहाड़ी मिट्टी (Mountainous Soil) - यह मिट्टी पहाड़ के ढलों पर मिलती है, यह चिकनी होती है, भारत के उत्तरी भाग में मिलती है, जिसमें धान और चाय की खेती होती है।